बोधगया : जल जीवन हरियाली योजना में हो रहा सरकारी खज़ाना का दुरूपयोग

कागजों में हुआ हरियाली ही हरियाली , जमीन से हुए वृक्ष गायब
बोधगया : मुख्यमंत्री नितीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन हरियाली योजना को गया जिला के बोधगया प्रखंड में बहुत ही सुनियोजित तरीके से चलाया जा रहा है, लेकिन जमीन स्तर पर ढूंढें तो कोई भी योजना पूर्ण तरीके से कहीं लागु नहीं दिखेगा। सभी योजनाओं का कार्य पूर्ण कागजो में किया जा रहा है और जमीनी स्तर पर से पूरी तरह से गायब है। मुख्यमंत्री एक तरफ विकास और भरष्ट्रचार के खिलाफ बहुत बड़ी -बड़ी मुहीम चला रहे और वहीँ दूसरी तरफ अधिकारी इस योजना को बंटाधार करने में लगे है।
बोधगया प्रखंड से प्राप्त सुचना के अनुसार जल जीवन हरियाली के तहत 265 स्थानों पर वृक्षारोपण किया गया है जिसमे 139 सार्वजानिक तथा 126 निजी स्थानों पर वृक्षारोपण किया गया है, लेकिन वृक्षारोपण की सच्चाई जमीन स्तर पर सिर्फ 20% वृक्षारोपण हुआ है बाकि 80% कार्य सिर्फ कागजों पर पूर्ण कर योजना की राशि का निकासी किया गया है। बोधगया प्रखंड के अतिया पंचायत में वृक्षारोपण 74 स्थानों स्थानों पर गया है जिसमे सार्वजनिक 11 और निजी 63 स्थानों पर वृक्षारोपण किया गया है। लेकिन जमीनी स्तर पर 24 स्थानों पर भी नहीं वृक्षारोपण किया गया है। रोजगार सेवक से जन जोश के संवादाता द्वारा वृक्षारोपण के स्थान के बारे में पूछा गया की किस जगह पर अतिया पंचायत में वृक्षारोपण किया गया है, तो अतिया पंचायत के रोजगार सेवक ने गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए जवाब देने से इंकार कर दिया।
जल जीवन जीवन हरियाली योजना के अनुसार लाखो पौधों का आवंटन बोधगया प्रखंड के पंचायतों में किया गया है लेकिन सिर्फ कागजों पर आवंटन कर योजना के राशि का बंदरबाट किया गया है। मुख्यमंत्री के सबसे प्रिय योजना भ्रष्ट्राचार के भेंट चढ़ रही है जिसे तत्परता से जाँच कर दोषियों पर करवाई की जानी चाहिए।